हवा के झोंके ने फिर से पन्नों को सहलाया,
हम उससे थोड़ी दूरी पर हमेशा रुक से जाते हैं,
झुकाकर पलकें शायद कोई इकरार किया उसने,
जब से तुमको देखा है दिल बेकाबू हमारा है,
मैं धीरे-धीरे उनका दुश्मन-ए-जाँ बनता जाता हूँ,
रास्तों की उलझन में था हमसफर भी छोड़ गए।
मुझे सताने के सलीके तो उन्हें बेहिसाब आते हैं,
खुदा माना, आप न माने, वो लम्हे गए यूँ ठहर से,
तेरे इशारों पर मैं नाचूं क्या जादू ये तुम्हारा है,
चेहरा तेरा चाँद का टुकड़ा सारे जहाँ से प्यारा है।
मुझे छोड़ने का फैसला तो वो हर रोज करता है,
बेचैन दिल को सुकूं की तलाश में दर-ब-दर तो न कर,
मैं जागता हूँ तेरा ख़्वाब देखने के लिए।
मगर उसका बस नहीं चलता मेरी वफ़ा के shayari in hindi सामने।